केंद्रीय विद्यालय खुलने की घोषणा पर रंगकर्मियों ने जताई खुशी - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

5 अक्टूबर 2025

केंद्रीय विद्यालय खुलने की घोषणा पर रंगकर्मियों ने जताई खुशी

डेस्क: मधेपुरा में केंद्रीय विद्यालय खुलने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है, जो बिहार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. केंद्र सरकार ने बिहार के 16 जिलों में 19 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी है, जिसमें मधेपुरा भी शामिल है. केंद्रीय कैबिनेट ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. इसे शिक्षा के क्षेत्र में मधेपुरा के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है. बता दें कि जिले के रंगकर्मियों ने भी नवाचार रंग मंडल के बैनर तले तत्कालीन जिलाधिकारी मो. शोहेल के समझ केंद्र व राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा कर जिले में केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग की थी. केंद्र सरकार की घोषणा के बाद जिले के रंगकर्मियों में खुशी की लहर है.
राकेश कुमार डब्ल्यू, संजय परमार, सुनीत साना, मिथुन कुमार गुप्ता, दिलखुश कुमार, अमित अंशु, सदस्य अमित आनंद, आदित्य कुमार बिट्टू, बिनोद केसरी, आदित्य कुमार, सुमित कुमार, कार्तिक कुमार, सावन कुमार, बमबम कुमार, सुमन कुमार, मो. इमरान गौतम कुमार, मो. मेहराज, मो. अफजल, कुंदन कुमार, धर्मेंद्र साह, आदिल कुमार गुप्ता, शंकर कुमार, विक्की विनायक, शंकर कुमार सहित अन्य रंगकर्मियों ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है. साथ ही रंगकर्मियों ने विद्यालयों में नाटक शिक्षक की बहाली की मांग पर भी ध्यान आकृष्ट कारवाया है. रंगकर्मियों ने कहा नाटक शिक्षक की बहाली होने बच्चों की रचनात्मक सोच और कल्पना को विकसित होगा. मंच पर अभिनय करने से बच्चों का आत्मविश्वास मजबूत होता है. 
नाटक के माध्यम से बच्चों का संवाद कौशल और अभिव्यक्ति क्षमता बेहतर होती है. नाटक बच्चों को भावनाओं को समझने और व्यक्त करने में मदद करता है. नाटक में साथियों के साथ काम करने से सहयोग और टीम भावना विकसित होती है. नाटक के माध्यम से बच्चे विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं से जुड़ते हैं. नाटक एक अच्छा तनाव निवारक हो सकता है. नाटक बच्चों को सार्वजनिक प्रस्तुति में सहज बनाता है. नाटक में भूमिकाएं निभाते हुए बच्चे समस्या समाधान कौशल सीखते हैं. नाटक बच्चों के लिए एक मनोरंजक और आनंददायक गतिविधि है. नाटक शिक्षा का एक अभिन्न अंग है, जो बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह सिर्फ एक विषय नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम है जो सीखने को रोचक और प्रभावी बनाता है.
(रिपोर्ट:- गरिमा उर्विशा) 
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

Post Bottom Ad

Pages