मधेपुरा: राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु लगातार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसमें कोसी क्षेत्र के विद्यार्थी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. विगत छह महिने में कई विद्यार्थियों को राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला है. यह बात राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने कही. वे रविवार को एनएसएस कार्यालय में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने बताया कि एनएसएस बिहार का एक ग्यारह सदस्यीय दल 22 से 28 दिसम्बर, 2025 तक कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं एन्सेंट स्टडीज विश्वविद्यालय, नलवाड़ी (असम) में आयोजित राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में भाग लेगा. इसमें बीएनएमयू, मधेपुरा से से एक दलनायक सहित छह और पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया के पांच सदस्य शामिल किए गए हैं. 
उन्होंने बताया कि एकीकरण शिविर में कोसी-सीमांचल की लोक-संस्कृति की छटा बिखरेगी. इस दौरान विशेष रूप से लोकगीत, लोक नाटिका आदि की प्रस्तुति होगी. इसमें झिझिया, जट-जटिन, समा-चकेवा, छठ, भैयादूज आदि से संबंधित प्रस्तुतियों को प्राथमिकता दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सभी प्रधानाचार्यों को पत्र प्रेषित कर शिविर में भाग लेने हेतु 7 नवंबर तक लोक संस्कृति से संबंधित विधाओं में उत्कृष्टता रखने वाले प्रतिभागियों की सूची मांगी गई थी. प्राप्त सूचियों में से श्रेष्ठ प्रतिभागियों का चयन किया गया है. चयनोपरांत क्षेत्रीय निदेशक विनय कुमार को सूची प्रेषित कर दी गई है.

उन्होंने बताया कि एकीकरण शिविर में कोसी-सीमांचल की लोक-संस्कृति की छटा बिखरेगी. इस दौरान विशेष रूप से लोकगीत, लोक नाटिका आदि की प्रस्तुति होगी. इसमें झिझिया, जट-जटिन, समा-चकेवा, छठ, भैयादूज आदि से संबंधित प्रस्तुतियों को प्राथमिकता दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सभी प्रधानाचार्यों को पत्र प्रेषित कर शिविर में भाग लेने हेतु 7 नवंबर तक लोक संस्कृति से संबंधित विधाओं में उत्कृष्टता रखने वाले प्रतिभागियों की सूची मांगी गई थी. प्राप्त सूचियों में से श्रेष्ठ प्रतिभागियों का चयन किया गया है. चयनोपरांत क्षेत्रीय निदेशक विनय कुमार को सूची प्रेषित कर दी गई है.
मुख्य अतिथि परिसंपदा पदाधिकारी शंभू नारायण यादव ने कहा कि भारत एक विशाल देश है और यहां विभिन्न जाति-धर्म, संप्रदाय के लोग रहते हैं. सबों की लोककला, खान-पान, वेशभूषा आदि भिन्न-भिन्न है. लेकिन हम सभी एक ही भारत माता की संतान हैं. विविधता में एकता ही हमारी पहचान है. उन्होंने बताया कि शिविर में पूरे भारत से शामिल प्रतिभागी एक-दूसरे को जान-समझ सकेंगे. इससे आपसी प्रेम एवं भाईचारा मजबूत होगा. मुख्य प्रशिक्षक डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने बताया कि सभी प्रतिभागियों को आयोजकों द्वारा यात्रा-व्यय, आवास एवं भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. सबों से अपेक्षा है कि वे पूरे अनुशासन के साथ कार्यक्रम में भाग लें और अपने कार्य एवं व्यवहार से विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को बढ़ाएं.
उन्होंने कहा कि सभी प्रतिभागी शिविर में टीम भावना के साथ कार्यक्रम में भाग लें और एक-दूसरे का सम्मान करें। शिविर के लिए निर्धारित नियमों का पालन करें और समय-पालन का विशेष ख्याल रखें. इस अवसर पर कार्यालय सहायक तहसीन अख्तर, टी. पी. कॉलेज, मधेपुरा के आनंद आशीष एवं आन्या कुमारी, बी. एस. एस. कॉलेज, सुपौल के सूरज कुमार, ए. एल. वाई. कॉलेज, त्रिवेणीगंज की सरिता कुमारी तथा विश्वविद्यालय जंतु विज्ञान विभाग की आकांक्षा आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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