आखिर क्यों बीईओ लगातार कर रहे हैं वार्डेन के खिलाफ षड्यंत्र, क्यों छुपाई जा रही है सच्चाई - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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24 जुलाई 2025

आखिर क्यों बीईओ लगातार कर रहे हैं वार्डेन के खिलाफ षड्यंत्र, क्यों छुपाई जा रही है सच्चाई

उदाकिशुनगंज: राज्य भर में चलाये जा रहे ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) से बचाव को लेकर शनिवार को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय उदाकिशुनगंज के छात्राओं के बीच भी टीकाकरण अभियान चलाया गया. जिसमें स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अंकित सौरभ के नेतृत्व में बीएचएम अनिश कुमार, बीएमसी प्रेमशंकर सिंह, डीईओ रंजेश कुमार, बीभीडीएस अमित प्रकाश, एएनएम शोभा कुमारी, करुणा सिंहा ने विद्यालय के 40 छात्राओं को कैंसर से बचाव को टीकाकरण किया गया. टीकाकरण के बाद कुछ देर बाद एक बच्ची बेहोश हो गई. बच्चे के बेहोश होने का कारण यह रहा की बच्ची टीकाकरण के बाद स्नान कर ली, जबकि टीकाकरण करण के बाद स्नान करना मना है. लेकिन वहां के बीईओ निर्मला कुमारी ने किसी के बहकावे में आकर बच्ची के बेहोश होने के कारण को अन्य मुद्दा बनाकर वार्डेन से स्पष्टीकरण मांग लिया. 
वार्डेन प्रतिमा कुमारी के व्हाट्सएप पर स्पष्टीकरण भेज कर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा. यह घटना 20 जुलाई की है और 21 जुलाई को दैनिक अखबार में खबर प्रकाशित होने का हवाला देकर स्पष्टीकरण मांग लिया. वहीं वार्डेन ने 22 जुलाई को 12 बजे के आसपास उनके व्हाट्सएप पर का जबाव दे दिया. बता दें कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान अभिषेक कुमार के द्वारा 17 जुलाई को पत्र जारी कर 21 जुलाई को पटना में एक दिवसीय प्रशिक्षण भाग लेने की जानकारी दी थी. प्रशिक्षण में उदाकिशुनगंज वार्डेन प्रतिमा कुमारी के अलावे गम्हरिया, चौसा, कुमारखंड एवं शंकरपुर की वार्डेन शामिल थी. 
लेकिन जब 22 तारीख को उसी दैनिक अखबार के पत्रकार ने वार्डेन का स्पष्टीकरण मिला या नहीं यह जानने के लिए बीईओ फोन किया तो स्पष्टीकरण मिलने के बाद भी बीईओ निर्मला कुमारी ने कहा कि घटना गंभीर है. वार्डन से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वार्डन के छुट्टी में होने के कारण जवाब नहीं मिला है. अन्य कर्मी से जानकारी ली गयी है. जांच चल रही है. शीघ्र ही रिपोर्ट वरीय अधिकारी को समर्पित किया जायेगा. कार्रवाई भी होगी. अब देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा की अखिरकार बीईओ किसके बहकावे में आकर इस तरह का षडयंत्रज रच रही है. और बड़े पद पर होने के बावजूद भी झूठ का सहारा क्यों ले रही है. अब यह तो वरीय अधिकारी ही जांच के बाद ही फैसला करेंगे, कौन सा सच्चा है और कौन झूठा?
(रिपोर्ट:- सोनू कुमार)
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