मधेपुरा: युवा उत्सव में एकांकी नाटक सहित कई विधाओं को हटाने के फैसले से नाट्य कलाकारों में मायूसी है. केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, अब केवल सात विधाओं में प्रतियोगिता होगी, जिनमें समूह लोक नृत्य, समूह लोक गीत, कहानी लेखन, कविता लेखन, पोस्टर मेकिंग, भाषण प्रतियोगिता और विज्ञान मेला शामिल हैं. नाटक कलाकारों का कहना है कि उन्हें सरकारी मंच के रूप में युवा उत्सव ही मिलता था, जिसे अब बंद कर दिया गया है. इस फैसले से कलाकारों में आक्रोश है, क्योंकि वे अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए इस मंच का उपयोग करते थे. बता दें कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में उम्र सीमा की कटौती की गई थी, जिसका कलाकारों ने विरोध नहीं किया. जिसके बाद सरकार ने युवा उत्सव से कई विधाओं को हटा दिया, जिसमें एकांकी नाटक भी शामिल है. जिले के डिग्रीधारी रंगकर्मी अमित आनंद, सुनीत साना, मो. शहंशाह, अमित कुमार अंशु सहित पिछले कई वर्षों से बिहार के विद्यालयों में नाटक शिक्षक की बहाली को लेकर मांग की जा रही है. उनकी मांग तो पूरी नहीं हुई, लेकिन केंद्र सरकार ने युवा उत्सव से नाटक विधा को हटा दिया. बिहार विधानसभा चुनाव के कारण अभी तक जिला स्तरीय युवा उत्सव की तिथि नहीं निकल गई है, लेकिन बिहार सरकार द्वारा सभी जिले को नोटिफिकेशन भेज दिया गया है. हालांकि जिन राज्यों में चुनाव नहीं हो रही है, वहां युवा उत्सव आयोजित करवाया जा रहा है. जहां केवल उपयुक्त सात विधाओं की प्रस्तुति ही करवाई जा रही है.
(रिपोर्ट:- गरिमा उर्विशा)
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