मधेपुरा: कोरोना के दूसरे लहर का असर अब कम हो गया है. लेकिन बस की सीट के अनुसार यात्रियों को बैठाने के नाम पर बस संचालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं. सरकार से निर्धारित किराया की जगह उससे दोगुना से अधिक किराया यात्रियों से वसूला जा रहा है. कोरोना गाइडलाइन के पालन के नाम पर मनमाना किराया वसूलने के बाद भी बस संचालक गाइडलाइन का पालन भी नहीं कर रहे हैं. संचालक बसों में क्षमता भर यात्रियों को भी बैठा रहे हैं और मनमाना किराया भी वसूल कर रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी मनमाना किराया वसूलने वाले बस संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
बस संचालकों को यात्रियों को लूटने की छूट मिली गई है. अगर कोई यात्री उनसे इस संबंध में पूछताछ करता है तो वो कोरोना के नियम और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की बात कर निर्धारित किराए से ज्यादा किराया देने को मजबूर कर देते हैं. कई बार यात्री इसकी शिकायत भी करते हैं. ऐसे बस संचालकों पर परिवहन विभाग की ओर से काेई कार्रवाई नहीं हो रही है. नियम के अनुसार यात्रियों को बैठाने के पहले बस को सैनिटाइज करना है. लेकिन इस नियम का भी पालन नहीं हो रहा है. जिले में चलने वाले बसों में 30 से 60 फीसद किराए में बढ़ोतरी हुई है. कुछ माह पहले तक मधेपुरा से पटना का किराया 250-300 रुपए था. लेकिन अब संचालक 400-500 रुपए वसूल रहे हैं.
उदाकिशुनगंज, चौसा, बिहारीगंज, वीरपुर, करजाईन, राघोपुर, पूर्णिया, मुरलीगंज के किराए में भी बढ़ोतरी हुई है. किराए में बढ़ोतरी के कारण प्रतिदिन बस से सफर करने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. कई ट्रेन नहीं चलने से बस से सफर करना लोगों की मजबूरी है. उदाकिशुनगंज से सहरसा का किराया 55 की जगह 110 रुपए ले रहे हैं. 8 से 10 किलोमीटर तक के जिन रूटों पर पहले 10 रुपए किराया था. वहां सीधे 20 से 25 रुपए वसूले जा रहे हैं. अब यदि सवारी 4-5 किलोमीटर तक के लिए भी ऑटो में बैठते हैं तो उसे 20 रुपए ही देने होंगे. मधेपुरा नगर परिषद की ओर से नए बस पड़ाव में विभिन्न रूटों के किराया विवरणी को बोर्ड लगा दिया है. लेकिन निर्धारित से दो से तीन गुना अधिक भाड़ा यात्रियों से वसूला जाता है.
भाड़ा का चार्ट शहर में केवल नए बस स्टैंड में लगाया गया है. जहां अभी लोगों का अधिक आवागमन नहीं होता है. केवल रात में ही नए बस स्टैंड से पटना के लिए गाड़ी खुलती है. किराया विवरणी के अनुसार प्रत्येक किलोमीटर के हिसाब से एक रुपए से भी कम भाड़ा निर्धारित किया गया है. किराया वृद्धि पर बस व ऑटो चालकों ने कहा कि पेट्रोल-डीजल का खर्च भी निकालना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में किराया नहीं बढ़ाएं तो क्या करें. लॉकडाउन से पहले खूब सवारियां मिलती थी तो 10 रुपए लेकर भी मधेपुरा से सिंहेश्वर तक की सवारी बैठा लेते थे. लेकिन डीजल का दाम सौ रुपए प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है. जिसके कारण वे लोग भी अधिक किराया वसूल रहे हैं.
मधेपुरा से सिंहेश्वर की दूरी लगभग 8 किलोमीटर है. किराया तालिका के अनुसार एक्सप्रेस का 8 रुपए एवं जरनल का 7 रुपए भाड़ा निर्धारित है. लेकिन 20 से 30 रुपए लिया जा रहा है. शहर में ऑटो चालकों की मनमानी भी चरम पर है. 2 किमी चलने पर भी लोगों से 10 रुपए लिए जाते हैं. प्रभारी डीटीओ अजीत कुमार ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए बस स्टैंड में किराया रेट चार्ट टांगा गया है. फिर भी अगर निर्धारित दर से अधिक भाड़ा वसूला जाता है, तो इसे लेकर जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी.
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