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11 अगस्त 2021

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एआईएसएफ के संघर्ष का फल है निशुल्क गर्ल्स, एससी, एसटी एजुकेशन

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मधेपुरा: मंगलवार को टीपी कॉलेज में बीएनएमयू इकाई द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस किया गया. प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य रूप से सभी श्रेणी की गर्ल्स, एससी, एसटी को निशुल्क एजुकेशन पर बात की गई. प्रेस कांफ्रेंस में बिहार के चर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट व वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के राज्य सचिव रंजीत पण्डित ने बताया कि उनके द्वारा दायर पीआईएल के बाद हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए आदेश दिया कि अविलंब 24जुलाई 2015 के बाद नामांकित गर्ल्स, एससी, एस टी का नामांकन शुल्क वापस किया जाए. 

उन्होंने बताया कि 15,16 नवम्बर को बेगूसराय में हुए राज्य स्तरीय गर्ल्स कनवेंशन में गर्ल्स, एससी, एसटी के फ्री एजुकेशन का प्रस्ताव पास कर संगठन के शिष्टमंडल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को मांगपत्र सौंपा था जिसपर उन्होंने तुरन्त संज्ञान लेते हुए निशुल्क शिक्षा देने का ऐलान कर दिया. लेकिन बाद में सरकार उसको लागू नहीं करवा तब जा. कर उन्होंने पीआईएल दायर किया जिसका प्रभाव है कि इस साल से हो रहे नामांकन में शुल्क नहीं लिया जा रहा है. लेकिन पहले के नामांकित छात्रों को फीस वापस करने की ईमानदार पहल भी नहीं हो रही है.  
इसको लेकर संगठन लगातार राज्य के विभिन्न जिलों में संपर्क कर छात्र छात्राओं से संवाद स्थापित कर इस सम्बन्ध में जागरूक कर इस पहल में हिस्सेदारी देने की अपील कर रहा है. उन्होंने कहा कि उक्त तिथि के बाद नामांकित छात्रों का फीस वापस लेना अधिकार है. उन्होंने बताया कि इसको लेकर संगठन लगातार सरकार पर भी दबाव बनाए हुए है. सरकार ने इसको लेकर पूर्व के छात्रों को फीस की राशि वापस करने का वादा किया है. और पहल शुरू करते हुए एक सौ छियासि करोड़ रुपए की मांग शिक्षा विभाग ने वित विभाग से किया है. छात्रों को अपने अधिकार के लिए आगे आकर सहयोग करने की जरूरत है. 

उन्होंने कहा कि इसके लिए विभिन्न जिलों में जाकर वहां के सम्बन्धित छात्रों से उनकी एडमिशन रशीद ले कर कोर्ट में जमा कर साक्ष्य स्वरूप प्रस्तुत किया जा रहा है. प्रेस कांफ्रेंस में बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर, एआईवाईएफ राष्ट्रीय परिषद् सदस्य शम्भु क्रांति, एआईएसएफ राज्य परिषद् सदस्य सौरभ कुमार मौजूद रहे. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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