उदाकिशुनगंज: नवगठित नगर परिषद करोड़ों रुपये के विकास कार्यों में व्यस्त है, परन्तु वर्षों से चली आ रही एक बड़ी समस्या अभी भी अनसुलझी है, सार्वजनिक शौचालयों की कमी. शहर के मुख्य बाजार, बस स्टैंड और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय न होने के कारण स्थानीय लोगों और यात्रियों को भारी असहजता का सामना करना पड़ रहा है. उप‑मुख्य पार्षद मिंकी कुमारी ने कई बार इस मुद्दे को परिषद की बैठकों में उठाया है, परन्तु जिम्मेदारों की निष्क्रियता के चलते अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन कई लोग मुख्यालय पहुंचते हैं, परन्तु शौचालय की कमी बरसों से खल रही है, जिससे सबसे अधिक महिलाओं को परेशानी उठानी पड़ती है. उदाकिशुनगंज नगर परिषद बने तीन साल से अधिक हो गए, फिर भी एक भी महिला‑विशिष्ट सार्वजनिक शौचालय नहीं है. बाजार में खरीदारी करने आई महिलाएं अक्सर शौचालय की खोज में इतर‑इतर जगहों पर भटकती रहती हैं. स्थिति इतनी बिगड़ी है कि कई महिलाओं को यूरिन इन्फेक्शन की शिकायतें भी हैं, और डॉक्टर अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. परिषद में दर्जनभर महिला वार्ड पार्षद होने के बावजूद, जहाँ शौचालय मौजूद हैं, वे अक्सर गंदे और असुविधाजनक होते हैं, जिससे उनका उपयोग ही नहीं किया जाता. नगर परिषद के इस शर्मनाक स्थिति को देखते हुए, स्थानीय नागरिकों ने सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से आवाज़ उठाना शुरू कर दिया है. कई लोग मांग कर रहे हैं कि मुख्य बाजार, बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में तुरंत स्वच्छ और सुरक्षित महिला शौचालयों का निर्माण किया जाए, साथ ही मौजूदा सुविधाओं की नियमित सफाई और रख‑रखाव सुनिश्चित किया जाए. बता दें कि 2024 से ही लगातार हर बैठक में उप‑मुख्य पार्षद मिंकी कुमारी द्वारा इस प्रस्ताव को उठाया जाता रहा है, लेकिन विभागीय स्तर पर इसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है. इस कारण स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले यात्रियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. परिषद की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, परन्तु आशा है कि इस मुद्दे पर जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि उदाकिशुनगंज की महिलाओं को भी गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार मिल सके.
(रिपोर्ट:- सोनू कुमार)
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....









