डेस्क: लालित कला अकादमी, पटना ने 28‑30 नवंबर को सहरसा में “अर्घ्य” नामक तीन‑दिवसीय प्रदर्शनी आयोजित की. इंटैक पटना चैप्टर, मधुबनी आर्ट सेंटर और लवली क्रिएशन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने किया. लगभग 52 कलाकारों ने अपनी कृतियों से छठ महापर्व की चमक‑भक्ति को जीवंत किया. चैनपुर (सहरसा) की बेटी अर्चना मिश्रा की मिथिला पेंटिंग ने खूब वाहवाही बटोरी. अर्चना, जो विगत 10 वर्षों से कला में सक्रिय हैं, ने छठ के अनुष्ठान से लेकर समापन तक महिलाओं की सहभागिता को बारीकियों से चित्रित किया है. गणित में स्नातकोत्तर और चंडीगढ़ के प्राचीन कला केंद्र से पेंटिंग में स्नातकोत्तर, अर्चना ने अपनी कला को स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिखाया है. लालित कला अकादमी, दिल्ली और जापान में भी उनकी प्रदर्शनी लगी थी. वह चाहती हैं कि जैसे मधुबनी‑दरभंगा मिथिला पेंटिंग के लिए मशहूर हैं, वैसे ही सहरसा भी इस कला का हब बने और यहाँ के कलाकारों को राष्ट्रीय पुरस्कार व पद्मश्री जैसे सम्मान मिलें. वरिष्ठ कलाकार अलका दास और मनीषा झा ने क्यूरेट किया, आयोजन भैरव लाल दास ने किया. प्रदर्शनी में मधुबनी, मंजूषा, टिकुली, पटना कलम, भोजपुरी पेंटिंग, सुजनी आर्ट, टेराकोटा, समकालीन चित्रकला, कुर्शिया और फोटोग्राफी सहित 10 से अधिक विधाएँ शामिल थीं. अर्चना ने बताया कि इस चित्र में उन्होंने छठ के विविध आयामों को उकेरा है, विशेषकर महिलाओं की भूमिका को, और यह उनके लिए गर्व की बात है कि वह इस महापर्व का हिस्सा बनीं. प्रदर्शनी का समापन रविवार को “सीता विदाई” गीत के साथ हुआ, जिसमें कई वरिष्ठ कलाकारों ने भाग लिया और कला की बारीकियों पर चर्चा की.
(रिपोर्ट:- सुनीत साना)
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