मधेपुरा: बीएन मंडल विश्वविद्यालय में बीसीए पाठ्यक्रम के परिणाम में गड़बड़ी को लेकर छात्रों का विरोध तेज हो गया है. 23 मई से आमरण अनशन पर बैठे एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार, आलोक कुमार उर्फ रौनक और सानू कुमार रविवार को भी डटे रहे. तीनों की तबीयत बिगड़ने लगी है. रविवार को सदर अस्पताल की मेडिकल टीम ने जांच की. एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने धरना स्थल पर अनशन करने की अनुमति नहीं दी. जिसके कारण मुख्य द्वार के समीप नाला के बगल में धरना देना पड़ रहा है. इस वजह से अनशनकारियों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ रहा है.
रविवार को राजद नेता रणधीर यादव भी अनशन स्थल पर पहुंच कर उनलोगों की मांगों को जायज बताया. इससे पूर्व शनिवार को तीन छात्र नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया था. हालांकि दो घंटे के बाद रिहा कर दिया. बीसीए छात्रों का आरोप है कि सैकड़ों विद्यार्थियों को मात्र 0.5 अंक से फेल कर प्रमोटेड घोषित कर दिया गया. उत्तरपुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग को विश्वविद्यालय नजरअंदाज कर रहा है. युवा शक्ति के सौरभ कुमार ने आरोप लगाया कि आवेदन देने के बावजूद उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में धरना की अनुमति नहीं दी गई. बाद में प्रशासन ने उन्हें असामाजिक तत्व बताकर प्राथमिकी दर्ज करवा दी.
एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने बताया कि आंदोलन को समर्थन देने सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम सोमवार को बीएन मंडल विश्वविद्यालय स्थित अनशन स्थल पर पहुंच रहे हैं. अनशन स्थल पर मुख्य रूप से युवा शक्ति नेता सौरव यादव, आइसा विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली एजाज अख्तर, भीम आर्मी के विश्वविद्यालय अध्यक्ष बिट्टू रावण युवा कांग्रेस नेता निरंजन यादव सुमित यादव बीसीए छात्र मनीष यादव, सोनू सिंह, शिवम झा, सौरभ सिंह, सूरज कुमार, निखिल कुमार, प्रतीक वर्मा आदि मौजूद रहे.
(रिपोर्ट:- मनीष कुमार)
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