प्राध्यापकों की कमी से विभिन्न विषयों में पठन-पाठन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. छात्रों की शिक्षा बाधित हो रही है, वहीं योग्य एवं इच्छुक अभ्यर्थी अवसर के अभाव में प्रतीक्षा में हैं. अभ्यर्थियों ने इस संदर्भ में मगध विश्वविद्यालय, बोधगया का उदाहरण प्रस्तुत किया है, जहाँ 2025 में ऐसी ही स्थिति को देखते हुए पोर्टल पुनः खोला गया था, जिससे वंचित अभ्यर्थियों को आवेदन का एक और अवसर मिल सका. बीएनएमयू में भी इसी तर्ज पर पोर्टल पुनः खोले जाने की मांग को लेकर डॉ. अरूणेश कुमार ‘अरूण’ झा, डॉ. विभीषण कुमार, डॉ. सारंग तनय, डॉ. बमबम कुमार, डॉ. अमर कुमार, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. प्रीति कुमारी, डॉ. प्रिया सिंह, सविता वर्मा, सुभाष कुमार, गौतम कुमार पासवान और भागवत यादव सहित अनेक अभ्यर्थियों ने कुलपति, कुलसचिव एवं डीएसडब्ल्यू को आवेदन सौंपा है.
इन अभ्यर्थियों का एक स्वर में कहना है कि विश्वविद्यालय को अधिक योग्य एवं समर्पित शिक्षक मिल सकें, इसके लिए यह आवश्यक है कि नई रिक्तियां को जोड़ते हुए पोर्टल को दोबारा खोला जाए, ताकि छात्रहित एवं अकादमिक गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके. अभ्यर्थियों ने आशा व्यक्त की है कि कुलपति इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेकर योग्य प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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