मधेपुरा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बीएनएमयू के कुलसचिव प्रो. अशोक कुमार ठाकुर एवं प्रभारी कुलपति प्रो. राजीव कुमार मल्लिक को पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा. साथ ही मांग पत्र का प्रतिलिपि राज्यपाल सह कुलाधिपति को भी ई. मेल के माध्यम से प्रेषित किया. प्रतिनिधिमंडल में विभाग संयोजक सौरभ कुमार, विश्वविद्यालय कार्य सह संयोजक आमोद आनंद एवं एसएफडी जिला प्रमुख मनीष कुमार शामिल थे. सौंपेंगे मांग पत्र में कहा कि स्नातक सामान्य तथा व्यावसायिक पाठ्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं नामांकन से वंचित हैं और कई महाविद्यालय में सीटें भी खाली हैं. कुल 85 हजार सीट में से मात्र 30 हजार नामांकन हुआ है. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि बार-बार यूएमआईएस के माध्यम से विद्यार्थियों को विकल्प परिवर्तन हेतु आवेदन करना पड़ता है और इसमें मात्र एक-दो दिन का समय दिया जाता है. कई बार जानबूझकर सर्वर डाउन किया जाता है. जिन महाविद्यालयों से मोटी रकम मिलती है, उसका नामांकन पूरा कराया जाता है. छात्र-छात्राओं को अपने पड़ोस के महाविद्यालय में नामांकन नहीं मिल पाता है. इससे विद्यार्थी कक्षाएं भी नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि स्नातक सामान्य एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रधानाचार्य के स्तर से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर ऑन स्पॉट नामांकन की सुविधा दी जाए. आगे से विद्यार्थियों से एक बार में ही पांच-पांच महाविद्यालय एवं विषय का विकल्प लिया जाए और उसी से सभी सूची प्रकाशित कराई जाए. हरेक सूची में नाम दिलाने के लिए विद्यार्थियों को बार-बार आवेदन करने को विवश नहीं होना पड़े. स्नातकोत्तर सत्र 2025-27 में अब तक नामांकन शुरू नहीं होने पर चिंता जताई है और कहा है कि इससे सत्र नियमितिकरण में परेशानी होगी, विद्यार्थियों का कोर्स पूरा नहीं हो सकेगा और इसके कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का पलायन होगा. अतः अनुरोध किया गया है कि जल्द-से-जल्द स्नातकोत्तर में नामांकन के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएं. विद्यार्थियों से एक बार में ही पांच विषय एवं पांच केंद्र का विकल्प लिया जाए. विद्यार्थियों को बार-बार आवेदन कराकर उनका आर्थिक दोहन नहीं किया जाए. विभिन्न महाविद्यालय में एक कंपनी यश इन्फोटेक द्वारा छात्र-छात्राओं का शोषण करने का आरोप लगाया गया है और कहा गया है कि महाविद्यालय द्वारा यश इन्फोटेक को विश्वविद्यालय अनुमति के बिना कार्य देने की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की जाए. यश इन्फोटेक को हुए कुल भुगतान और उनके द्वारा किए गए कार्य पर श्वेत पत्र जारी किया जाए और जो अतिरिक्त भुगतान हुआ है, उसे कंपनी से वापस लेकर महाविद्यालय के फंड में जमा कराया जाए. विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2023- 27 के विद्यार्थियों का सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने पर गहरा आक्रोश जताया है और आरोप लगाया है कि यूएमआईएस कंपनी सर्टिफिकेट देने के नाम पर विश्वविद्यालय से अलग से प्रिंटर, कॉटेज एवं पेपर आदि के बहाने मोटी रकम वसूलती है. इसकी जांच कराई जाए और इस मद में हुए भुगतान की जानकारी दी जाए. अभिलंब वैसी सभी परीक्षाएं, जिनका परीक्षाफल प्रकाशित हो चुका है, उसका अंक पत्र जारी किया जाए.उन्होंने कहा कि कुलानुशासक विश्वविद्यालय के फूल टाइम ऑफिसर होते हैं. अतः विश्वविद्यालय कुलानुशासक को पीजी सेंटर सहरसा के विभागाध्यक्ष (इतिहास) एवं कैम्पस प्रभारी तथा विश्वविद्यालय के विधि कोषांग के प्रभारी पद से हटाया जाए. मांगों पर एक सप्ताह के अंदर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर हमारा संगठन छात्रहित एवं विश्वविद्यालय हित में आंदोलन किया जाएगा.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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