"संविधान देश की आत्मा" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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23 नवंबर 2025

"संविधान देश की आत्मा" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

मधेपुरा: संविधान दिवस के पूर्व संध्या पर गिरजा कपिलदेव इंटर कॉलेज में एक महत्वपूर्ण विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी का विषय था "संविधान देश की आत्मा, इसपर राजनीति कितना सही कितना गलत". कार्यक्रम का संयुक्त आयोजन अधिवक्ता परिषद और सामाजिक विकास मंच, मधेपुरा द्वारा किया गया. जिसमें जिले के कई वरीय अधिवक्ता और समाजसेवी मौजूद रहे. सामाजिक विकास मंच, मधेपुरा के अध्यक्ष श्याम किशोर यादव के संयोजन और अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष कौशल किशोर सिंहा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरीय अधिवक्ता नरेश मोहन झा ने संविधान को खतरे में बताने वाली मौजूदा बहस पर अपनी चिंता व्यक्त की. झा ने कहा कि पूरे देश में संविधान खतरे में है, ऐसा कहकर इसके प्रति भ्रम फैलाया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से एक साजिश है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर संविधान सचमुच खतरे में था, तो वह दौर 1974 से 1977 के बीच था, जब नियम-परिनियमों को ताक पर रखकर पूरे देश में अराजकता पैदा की गई थी. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर संविधान को लेकर इसी तरह भ्रम फैलाया गया, तो आने वाली पीढ़ी की आस्था इससे कमजोर होगी, जो देश के हित में बिल्कुल नहीं है. झा ने कहा कि राजनीति अलग है, लेकिन संविधान को केंद्र में रखकर गंदी राजनीति करना बिल्कुल गलत है. 
संविधान पर खतरे का भ्रम विदेशी प्रायोजित साजिश: देवनारायण साह

गोष्ठी में अपने विचार रखते हुए वरीय पत्रकार व अधिवक्ता देवनारायण साह ने संविधान को विधि शास्त्र की संज्ञा दी. उन्होंने संविधान पर खतरे को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को एक विदेशी साजिश करार दिया. साह ने कहा कि जिस तरह कुछ देशों के युवाओं को इसी तरह के भ्रम में रखकर गृहयुद्ध करवाया गया और चुनी हुई सरकारों को गिराया गया, ठीक वैसी ही साजिश अब भारत में भी रची जा रही है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह बहस पूरी तरह से विदेशी प्रायोजित है. उन्होंने भ्रम फैलाने वालों से सवाल किया कि जो लोग संविधान खतरे की बात कर रहे हैं, वे पहले यह बताएं कि कहां-कहां उन्हें लगा कि संविधान खतरे में है. उन्होंने सुझाव दिया कि राजनीति करने के लिए और भी मंच उपलब्ध हैं. 

गलत माहौल पैदा होने से समाप्त होगा सामाजिक तानाबाना

कार्यक्रम के संयोजक एवं सामाजिक विकास मंच के जिलाध्यक्ष श्याम किशोर यादव ने देश के सामाजिक तानाबाना के खत्म होने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर राजनीतिक चर्चा होनी चाहिए. यादव ने भी इस बात को दोहराया कि संविधान खतरे में है, इस तरह की राजनीति से समाज में केवल भ्रम फैलता है. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को आगाह करते हुए कहा कि इस तरह की राजनीति का नुकसान आने वाले समय में सभी राजनीतिक दलों को उठाना पड़ेगा. अधिवक्ता परिषद के प्रांतीय संयोजक अमोद कुमार सिंह ने कहा कि इस गंभीर मसले पर सभी अधिवक्ता को एक मंच पर आना होगा. प्रांतिय महामंत्री धरणीधर सिंह ने कहा कि भारत का संविधान देश की आत्मा के समान है. देश के समस्त लोगों की समस्या का समाधान संवैधानिक रूप से किया जा सकता है. स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों एवं भारतीय समाज के सपनों का दस्तावेज हमारा संविधान है. मौके पर जिला परिषद उपाध्यक्ष रधुनंदन दास, संकल्प मैत्री फाउंडेशन के संस्थापक व समाजसेवी सुनीत साना, अधिवक्ता डा. धमेन्द्र राम, सीमा कुमारी, सुरज सिंहानियां, प्रचारक आलोक कुमार समेत अन्य मौजूद थे.

(रिपोर्ट:- ईमेल)

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