मधेपुरा: ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (अइसा) ने मंगलवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ मधेपुरा में विरोध मार्च निकाला. मार्च पीएस कॉलेज से शुरू होकर भूपेंद्र चौक तक पहुंचा, जहां एक सभा का आयोजन किया गया और सरकार एवं चुनाव आयोग की नीतियों की कड़ी आलोचना की गई. सभा को संबोधित करते हुए अइसा जिला सचिव पावेल कुमार ने कहा कि, 'यह अभियान असल में छात्रों, युवाओं और गरीब तबकों के मताधिकार को छीनने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि, 'जिन दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वे अधिकांश मजदूर, प्रवासी और ग्रामीण गरीबों के पास उपलब्ध नहीं हैं. उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति पहले से ही गंभीर है, ऐसे में आवश्यक कागजात लाने की अपेक्षा करना आमजन के साथ अन्याय है.
पावेल ने यह भी सवाल उठाया कि, 'जब एक समय चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को मतदाता पहचान के लिए जरूरी बताया था, तो अब उसी दस्तावेज को मान्य नहीं माना जा रहा है. मनरेगा जॉब कार्ड और मस्टर रोल जैसे गरीब समर्थक दस्तावेजों को इनकार करना, स्पष्ट रूप से ग्रामीण और वंचित वर्गों के वोटिंग अधिकारों पर हमला है. अइसा के जिलाध्यक्ष सन्नी कुमार ने कहा कि, 'जो नेता खुद को दलितों का प्रतिनिधि बताते हैं, वे इस मुद्दे पर मौन क्यों हैं? जबकि मतदाता सूची के इस गहन पुनरीक्षण का सबसे बड़ा असर दलितों और पिछड़े वर्गों पर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि, 'बिहार में अब तक केवल 10-12% लोगों ने ही आवेदन फॉर्म भरे हैं. यदि यही स्थिति रही, तो लाखों नाम मतदाता सूची से बाहर हो जाएंगे.
वहीं, अइसा विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली ने मांग की कि इस पूरी प्रक्रिया को तुरंत वापस लिया जाए और आगामी विधानसभा चुनाव पुरानी मतदाता सूची के आधार पर कराए जाएं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर चुनाव आयोग इस जनविरोधी प्रक्रिया को वापस नहीं लेता है, तो अइसा व्यापक जन आंदोलन शुरू करेगा. उन्होंने बताया कि 9 जुलाई को इंडिया गठबंधन द्वारा आयोजित राज्यव्यापी चक्का जाम में अइसा सक्रिय भागीदारी निभाएगा. मौके पर राजकिशोर कुमार, अंकुर कुमार, मधुशुदन कुमार, सौरभ कुमार, सोनू कुमार, एजाज अख्तर आदि मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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