दर्शन के कारण ही विश्वगुरु के रूप में है भारत की पहचान: पूर्व कुलपति - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

3 मई 2025

demo-image

दर्शन के कारण ही विश्वगुरु के रूप में है भारत की पहचान: पूर्व कुलपति

IMG_20250503_215148
मधेपुरा: भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, लालूनगर, मधेपुरा में दर्शनशास्त्र विषय के शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की एक बैठक विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र आयोजित हुई. इसमें दर्शनशास्त्र विषय के विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार- विमर्श किया गया और आवश्यक निर्णय लिए गए. बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व विभागाध्यक्ष सह पूर्व कुलपति प्रो. ज्ञानंजय द्विवेदी ने कहा कि दर्शनशास्त्र सभी विषयों की जननी है. इस विषय के कारण ही ही भारत की दुनिया में विश्वगुरु के रूप में पहचान रही है. आगे भारतीय दर्शन को आधार बनाकर ही हम वर्ष 2047 तक विकसित भारत के सपनों को साकार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विशेष रूप से भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इस दिशा में यह जरूरी है कि हम गुलामी की मानसिकता को छोड़कर अपनी सभ्यता, संस्कृति, इतिहास एवं दर्शन को आत्मसात करें. 
0ebcc210e55749e6ac7f115b8fcff0e9
विभागाध्यक्ष देव प्रसाद मिश्र ने कहा कि दर्शनशास्त्र का ज्ञान हमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता दिलाने में कारगर भूमिका निभा सकता है. इससे हमारे अंदर जीवन में सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है और हम सही मायने में मनुष्य कहलाने के योग्य बनते हैं. वास्तव में दर्शन के ज्ञान के बगैर मानव जीवन अधूरा है. कार्यक्रम का संचालन करते हुए ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के नवनियुक्त सहसचिव डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि दर्शनशास्त्र में कैरियर की अपार संभावनाएं हैं. इस विषय को पढ़कर हम शिक्षण, पत्रकारिता, प्रशासन, राजनीति, समाजसेवा, व्यावसाय आदि क्षेत्रों में बेहतर सफलता प्राप्त कर सकते हैं. इस विषय की ओर विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का ध्यान आकृष्ट कराने की जरूरत है. 
IMG-20250106-WA0025
बैठक में यह निर्णय लिया गया है विश्वविद्यालय के अधिकतम शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को अखिल भारतीय दर्शन परिषद एवं दर्शन परिषद, बिहार का सदस्य बनाने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र विषय से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों में अधिकतम शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी. इस अवसर पर शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, चंदन कुमार, पवन कुमार, शशिकांत कुमार, साधू पासवान, राजहंस कुमार, शक्ति सागर कुमार, कुंदन कुमार, ललन कुमार, सुरेन्द्र कुमार सुमन एवं बरुण कुमार आदि उपस्थित थे.

(रिपोर्ट:- ईमेल)

पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

Post Bottom Ad

Pages

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *