बीएनएमयू में छात्र, शिक्षक, कर्मचारियों के साथ घटती घटनाएं दुखद, संवाद की मांग: डॉ. राठौर - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

3 जून 2025

demo-image

बीएनएमयू में छात्र, शिक्षक, कर्मचारियों के साथ घटती घटनाएं दुखद, संवाद की मांग: डॉ. राठौर

IMG-20250603-WA0033
मधेपुरा: विगत कुछ महीनों में कभी शिक्षक, कर्मचारी तो कभी छात्रों के साथ घटी घटनाओं, दुर्व्यवहार से लगातार हो रही किरकिरी के बीच पूर्व छात्र नेता डॉ. हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने सोमवार को भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिख कर जहां इसे विश्वविद्यालय के के सफर का चिंताजनक वाला दौर बताया वहीं उक्त विषय के संदर्भ में लिखा है कि विगत एक से डेढ़ वर्षों में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय विकास की पहल और योजनाओं की जगह लगातार अपने शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों के साथ विवादास्पद रवैए के लिए चर्चा में रहा है जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है और विश्वविद्यालय आगे बढ़ने के बजाय पीछे गया है. छात्र, शिक्षक, कर्मचारी को एक साथ लेकर चलने के बजाय इनमें फूट डालने और डर भर दिया गया है. 


लिखे पत्र में डॉक्टर राठौर ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षक, छात्र, कर्मचारी दहशत के दौर में जी रहे हैं कहीं परीक्षा में छात्र द्वारा शिक्षक के साथ अमर्यादित आचरण, हाथापाई पर लगातार मांग के बाद भी छात्र पर कारवाई की जगह अतिरिक्त समय देना, बिना दोष के बीसीए के एक शिक्षक को पदमुक्त कर देना, दो महत्वपूर्ण कर्मचारियों की मृत्यु पर शोक सभा की पहल नहीं करना सोशल मीडिया पर फजीहत और संगठन द्वारा मांग पर औपचारिक आयोजन, छात्र हित के मुद्दों पर आंदोलन करने वाले छात्र नेताओं को असामाजिक तत्व कहना और एफआईआर की धमकी देना, हर बात पर सस्पेंड करने, शोकाज करने, डिग्री रद्द करने की धमकी देना आदि बानगी मात्र है. 

IMG-20250106-WA0025

लंबे समय तक बीएनएमयू में छात्र आंदोलन में रहे राठौर ने लिखा है कि कुलपति  विश्वविद्यालय के अभिभावक हैं और उनके रहते गर ऐसा हो तो निसंदेह यह निंदनीय है. जरूरत है अभिभावक की भूमिका में आ शिक्षक, छात्र, कर्मचारी संगठनों को एक मंच पर आमंत्रित कर विश्वविद्यालय के विकास के संयुक पहल और उनकी समस्याओं के समाधान की जिससे विश्वविद्यालय में सकारात्मक माहौल बनने के साथ साथ अनसुलझे दौर में एक बेहतर संबंध स्थापित हो सके. कुलपति को लिखे पत्र में जहां डॉक्टर राठौर ने बेहतर शैक्षणिक परिवेश के लिए संवाद और सामूहिक पहल की मांग की है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन को आगाह भी किया है कि शिक्षक, छात्र, कर्मचारी संगठनों को हल्के में लेने और इनमें फूट डाल विश्वविद्यालय चलाने की सोच न रखें अन्यथा विश्वविद्यालय की कार्यशैली और कुव्यवस्था को लेकर छात्रों, आमजनों के साथ स्थानीय पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को भी अवगत ही नहीं कराया जाएगा. 


बल्कि व्यवस्था परिवर्तन की बड़ी मुहिम की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी और तब मुहिम कैंपस के अंदर ही नहीं बल्कि बाहर भी व्यापक स्तर पर होगी और इसकी पूरी जवाबदेही विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी. विशेषकर विश्वविद्यालय की कुव्यवस्था और कार्यशैली के संबंध में बिंदुवार जिला प्रशासन को भी अवगत कराया जाएगा जिसे छात्र, शिक्षक, कर्मचारी आंदोलन के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन गुमराह करने का काम करती है. राठौर ने साफ शब्दों में कहा कि यह विश्वविद्यालय महज उच्च शिक्षा का परिसर नहीं है बल्कि इस क्षेत्र की वो पूंजी और धरोहर है संरक्षण और संवर्धन सामूहिक दायित्व है.

(रिपोर्ट:- ईमेल)

पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

Post Bottom Ad

Pages

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *