सौंपे रिपोर्ट में एआईएसएफ ने कहा है कि गुजरे वक़्त में कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तर से हुई बड़ी चूक के कारण बीएड के तीन सौ सीट पर तलवार लटकी. विश्वविद्यालय मुख्यालय के बीएड व एमएड विभाग में टीचिंग स्टाफ 50 प्रतिशत से भी कम है वहीं दोनों विभाग में एक भी नन टीचिंग स्टाफ नहीं है. बीएनएमयू अन्तर्गत संचालित बीएड विभागों में शिक्षकों का वेतन माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के विपरित है.
सच्चाई यह है कि वेतन अन्य विभाग के चपरासी से कम है जिसके कारण यहां से शिक्षक दूसरे विश्वविद्यालय पलायन कर रहे हैं और कोई आने में दिलचस्पी भी नहीं रखता. जांच रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि प्राचार्य व कुलसचिव एनसीटीई को शिक्षकों व कर्मियों के स्थाई नियुक्ति का पत्र भेजते हैं लेकिन नियुक्ति पत्र ग्यारह माह का देते हैं.इसमें यह भी कहा गया है कि 2016-17 में बीएसएस कॉलेज सुपौल में बीएड शुरू करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रस्ताव आया था लेकिन अभी तक इस को लेकर कारगर कदम नहीं उठाए गए. संयोजक राठौर ने कहा कि संगठन जांच रिपोर्ट के आधार पर मांग करती है कि टीपी व पीएस कॉलेज के बीएड को उम्मीद की किरण जगी है कुलपति अपने स्तर से तीव्र कारगर पहल करके इस सत्र में नामांकन को शुरू कराए.
बीएड में कार्यरत कर्मियों को कोर्ट के आदेश के अनुसार वेतन मिले साथ ही शिक्षक व कर्मियों की कमी को दूर करते हुए एनसीटीई के नियमों के आधार पर स्थाई नियुक्ति हो. वहीं संगठन ने यह भी मांग किया है कि बीएड से जुड़े सम्पूर्ण मामले की जांच के लिए विभाग से जुड़े जानकारों की जांच टीम बना सभी कमियों को दूर किया जाए जिससे भविष्य में और नुकसान न हो.
बीएसएस कॉलेज सुपौल में भी बीएड शुरू कराने के लिए पहल करने की मांग संगठन ने की. जांच टीम के संयोजक हर्ष वर्धन सिंह राठौर और सदस्य सौरभ कुमार ने कहा कि संगठन ने हर स्तर से कमियों को सामने लाने का प्रयास किया है, इनको दूर करके उम्मीद की किरण को बरकरार रखा जा जा सकता हैै. इस दौरान जांच टीम ने बीएनएमयू कुलपति से मांग किया कि पटना विश्वविद्यालय के तर्ज पर बीएनएमयू बीएड व एमएड के अधिग्रहण की पहल करे जिससे यहां के कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए आर्थिक बाधा उत्पन न हो और अन्य कोई समस्या भी उत्पन न हो.
लगभग एक घंटे तक चली वार्ता में जांच टीम ने कुलपति को कई सुझाव भी दिए जिसपर कुलपति प्रो रमन कुमार ने विश्वविद्यालय स्तर से हर सम्भव पहल का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि टीपी व पीएस कॉलेज में संचालित बीएड में पुनः नामांकन बहाल करवाने को लेकर वह खुद सजग हैं और हर प्रकिया पर नजर रख रहे हैंं, अपने स्तर से वो हर सम्भव पहल करेंगे. अधिग्रहण करने के लिए पटना विश्वविद्यालय से प्रकिया की जानकारी लेने सहित अन्य मुद्दों पर वो गंभीरता से विचार करेंगे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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