शुक्राचार्य की राजनीतिक और आर्थिक विचारों में नीतिशास्त्र की भूमिका: एक ऐतिहासिक अध्ययन में हर्ष वर्धन को पीएच.डी. की उपाधि - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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22 मई 2025

शुक्राचार्य की राजनीतिक और आर्थिक विचारों में नीतिशास्त्र की भूमिका: एक ऐतिहासिक अध्ययन में हर्ष वर्धन को पीएच.डी. की उपाधि

मधेपुरा: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत इतिहास विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय में सिंहेश्वर प्रखंड अंतर्गत बैहरी पंचायत के कतराहा निवासी तेज प्रताप सिंह और प्रभावती देवी के पुत्र हर्ष वर्धन सिंह राठौर को आचार्य शुक्राचार्य के राजनीतिक और आर्थिक विचारों में नीतिशास्त्र की भूमिका: एक ऐतिहासिक अध्ययन पर पूर्व विभागाध्यक्ष स्नातकोत्तर, इतिहास प्रो. (डॉ.) भवानंद झा के पर्यवेक्षण में पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई है. यह उपाधि विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सी. पी. सिंह की अध्यक्षता एवं संकायाध्यक्ष, सामाजिक विज्ञान प्रो. (डॉ.) कैलाश प्रसाद यादव की विशेष उपस्थिति में दिनांक 26/4/2025 को आयोजित ऑनलाइन मौखिकी में बाह्य परीक्षक प्रो. (डॉ.) मनोज कुमार तिवारी, विभागाध्यक्ष, दीन दयाल उपाध्याय, गोरखपुर विश्वविद्यालय,गोरखपुर की अनुशंसा के आधार पर दिनांक -15/5/2025 को प्रदान की गई. 

शोध में वर्तमान परिपेक्ष्य में शुक्र के विचारों की प्रासंगिकता पर जोर

साल 2019 में पैट पास हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने लगभग पांच साल में अपना शोध कार्य प्रो. (डॉ.) भवानंद झा के कुशल नेतृत्व में पूरा किया. शोध के सात अध्यायों में श्री राठौर ने शुक्र के राजनीतिक विचारों में नीतिगत तत्व, शुक्र के श्रम संबंधी विचार पर विस्तार से चर्चा करते हुए वर्तमान परिपेक्ष्य में शुक्र के राजनीतिक, आर्थिक, विचारों की प्रासंगिकता पर बल दिया है. 

शोध में विभिन्न स्तरों पर अध्यन से मिला सहयोग

शोध के संबंध में डॉक्टर हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने बताया कि शोध का सफर बहुत कुछ सीखने और अनुभव देने वाला रहा. इस दौरान बीएनएमयू के केंद्रीय पुस्तकालय, खुदाबख्श, सिंहा, पटना विश्वविद्यालय आदि लाइब्रेरी में उपलब्ध सामग्री के साथ शिव पुराण, मत्स्य पुराण, शुक्रनीतिसार,महाभारत के अध्यन से शोध कार्य सुगम हुआ. इस दौरान बहुत कुछ नया जानने और समझने का भी अवसर प्राप्त हुआ. 

डॉक्टरेट की उपाधि मिलने लोगों ने दी बधाई

डॉक्टरेट की उपाधि हर्ष वर्धन और उनके परिवार के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है वो अपने क्षेत्र में गांव और पंचायत यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली प्रतिभा हैं. उनकी इस उपलब्धि पर गुरुमाता डॉ. वीणा कुमारी मिश्रा, शत्रुहन सिंह, चंद्र प्रताप सिंह, प्रो. निखिलेश सिंह, प्रो. वीणा सिंह, बीएनएमयू परीक्षा नियंत्रक डॉ शंकर मिश्रा, स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो विश्वनाथ विवेका, विधान परिषद के जनसंपर्क पदाधिकारी अजीत कुमार, अबू जफर प्रो प्रसन्ना सिंह राठौर, युवराज, परी सहित परिजनों एवं शुभचिंतकों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी और उज्ज्वल भविष्य की कामना की है. 

उपलब्धि का सारा श्रेय प्रेरणास्रोत्र स्मृतिशेष अजीत पाल सिंह आजाद को

डॉक्टर हर्ष वर्धन सिंह अपनी उपलब्धि को इसके प्रेरणा स्रोत अग्रज स्मृतिशेष अजीत पाल सिंह आजाद को समर्पित किया है. राठौर बताते हैं कि उनकी पीएच.डी. मूलतः उनके आदर्श और प्रेरणा स्रोत अग्रज अजीत पाल सिंह आजाद का सपना था. उन्हीं की प्रेरणा से उन्होंने पैट पास कर शोध कार्य शुरू किया. दो साल पहले सड़क हादसे में आई गंभीर चोट से बड़े भाई के देहांत के बाद भी राठौर ने अपने शोध कार्य को पूरा कर बड़े भाई के सपने को पूरा किया. डॉक्टर राठौर बताते हैं कि यह सफर और उपलब्धि बिना उनकी प्रेरणा और सहयोग से संभव नहीं थाा. इस दौरान हमेशा पिता तेज प्रताप सिंह और माता प्रभावती देवी सहित परिजनों, गुरुजनों के सहयोग ने संबल प्रदान किया.

(रिपोर्ट:- ईमेल)

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