
मधेपुरा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ज्ञान, शील एवं एकता के मंत्र को केंद्र में रखकर कार्य करता है और राष्ट्रवादी चिंतन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है. जब कभी भी राष्ट्र पर कोई संकट आया है, इसके कार्यकर्ताओं ने आगे बढ़कर उसका मुकाबला किया है. यह बात प्रांत मंत्री पुरुषोत्तम कुमार ने कही. वे बुधवार की सुबह आयोजित मैराथन दौड़ प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन अभाविप के 77वें स्थापना दिवस-सह-राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस के शुभ अवसर पर ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में किया गया. उन्होंने बताया कि अभाविप की स्थापना 9 जुलाई, 1949 को देश के कुछ गिने-चुने राष्ट्रवादी विचारकों द्वारा की गई थी. इस बीच इस संगठन ने हमेशा राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर कार्य किया है और 77 वर्षों में आज यह विश्व का सबसे बड़ा छात्र-संगठन बन गया है.

राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक यादव ने कहा कि अभाविप ने देश की एकता एवं अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसका कश्मीर में धारा 370 हटाने, बंग्लादेशी घुसपैठियों को भगाने तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कराने में योगदान रहा है. ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा के प्राचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि अभाविप द्वारा छात्रों में छुपी हुई विविध प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने वाली गतिविधियां आयोजित होती हैं. इससे उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा मिलती है और वे एक जिम्मेदार नागरिक बनते हैं. अभाविप के विभाग प्रमुख प्रो ललन प्रसाद अद्री ने कहा कि शैक्षणिक उन्नयन के साथ-साथ सामाजिक एवं सांस्कृतिक नवनिर्माण नवनिर्माण के लिए सक्रिय है. इसके कार्यकर्ताओं ने कोरोना महामारी तथा भूकंप, सूनामी, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में बढ़-चढ़कर मानवता की सेवा की है.
साहित्यकार डॉ. सिद्धेश्वर काश्यप ने कहा कि अभाविप युवाओं के व्यक्तित्व एवं चरित्र का निर्माण करता है और उनमें राष्ट्रप्रेम की भावना को बढ़ावा देता है. नगर उपाध्यक्ष सह परीक्षा नियंत्रक डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने कहा कि युवाओं पर ही हमारे समाज एवं राष्ट्र का भविष्य निर्भर करता है. हम युवाशक्ति के दम पर ही भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बना सकते हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर अध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि अभाविप राष्ट्र सर्वोपरि के आदर्शों से ओतप्रोत संगठन है. इसके कार्यकर्ता अपने निजी हितों की तिलांजलि देकर राष्ट्रसेवा के लिए तत्पर रहते हैं. उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस पर गत वर्ष भर के कार्यों का मूल्यांकन किया जाता है और आगामी वर्ष के कार्यक्रमों की रुपरेखा तय की जाती है. हम अपने सभी पूर्वजों एवं अग्रजों के संघर्षों को याद करते हैं तथा उनके बताए रास्तों पर चलने का संकल्प लेते हैं.

इसके पूर्व कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई. सबों ने माता सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया. जिला प्रमुख दिलीप दिल ने स्वागत भाषण दिया. विभाग संयोजक सौरभ यादव ने मधेपुरा में अभाविप के गतिविधियों का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इसमें बताया गया कि अभाविप मधेपुरा में काफी सक्रिय है. इसके द्वारा पूरे वर्ष लगातार संघर्ष एवं रचनात्मक कार्यक्रम होते रहते हैं. पिछले दो वर्षों से स्थापना दिवस समारोह का वृहद पैमाने पर आयोजन हो रहा है. कार्यक्रम के अंत में मैराथन दौड़ में शामिल सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र एवं मेडल प्रदान किया गया. कार्यक्रम का संचालन प्रांत सह मंत्री समीक्षा यदुवंशी एवं धन्यवाद ज्ञापन जिला संयोजक नवनीत सम्राट ने किया.
कार्यक्रम के आयोजन में प्रांत शोध कार्य सह प्रमुख डॉ. रंजन यादव, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नीतीश सिंह यादव, जिला सह संयोजक मेघा कुमारी, नगर मंत्री अंकित आनंद, नेशनल एकेडमी के जयराम उर्फ बिल्लो, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस अवसर पर बीसीए के विभागाध्यक्ष के. के. भारती, बबलू कुमार, ललित कुमार, सागर कुमार, जुली कुमारी, साक्षी कुमारी, पुष्पा कुमारी, कुमारी सिमरन, निशा भारती, डिंपल कुमारी, सोनाली कुमारी, पूजा कुमारी, चांदनी कुमारी, ज्योतिष कुमार, सानू सागर, ज्योतिष कुमार, मंजीत कुमार, पप्पू कुमार सरदार, विकास कुमार, दिलखुश कुमार, अजय कुमार, कौशल यदुवंशी, नरेश कुमार, निशा भारती, पुष्पा कुमारी, अनुपम कुमारी, सुनील कुमार आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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