मधेपुरा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक सौरभ कुमार, विश्वविद्यालय कार्य सह संयोजक आमोद आनंद ने गुरूवार को बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलसचिव प्रो. अशोक कुमार ठाकुर को एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि बिहार सरकार द्वारा महिला- सशक्तिकरण के उद्देश्य से कन्या उत्थान योजना का संचालन किया जा रहा है. इसके तहत स्नातक में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण छात्राओं को पचास हजार रूपए का अनुदान मिलता है. इससे स्त्री-शिक्षा को बढ़ावा मिला है और सामाजिक जागृति आई है. लेकिन बीएनएमयू प्रशासन इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु गंभीर नहीं है. नेता द्वय ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि बीएनएमयू मधेपुरा में कन्या उत्थान योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजना के सफल संचालन हेतु पूरी ठोस व्यवस्था नहीं की गई है. इसके कारण पिछले कई दिनों से सैकड़ों छात्राएं और उनके अभिभावक विश्वविद्यालय में भटक रहे हैं और उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. परिषद ने मांग किया है कि कन्या उत्थान योजना के सफल संचालन हेतु तत्काल कुछ दिनों के लिए कम-से-कम पांच प्रशिक्षित कम्प्यूटर फ्रेंडली कर्मचारियों को अधिकृति प्रदान की जाए. दूर-दराज से आने वाली छात्राओं एवं उनके अभिभावकों के लिए विश्वविद्यालय में पेयजल एवं शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है. इस ओर अविलंब ध्यान दिया जाए. मांग की है कि नोडल ऑफिस में छात्राओं की लग रही भीड़ के मध्य नजर वहां सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की जाए. छात्राओं एवं अभिभावकों को बिचौलियों से बचाया जाए, जो लोग उनकी मज़बूरी का फायदा उठाकर उनसे मोबाइल अपडेट करने या अन्य कार्यों के लिए पैसे ले रहे हैं उन पर कार्रवाई हो. कहा है कि स्नातक के पेंडिंग रिजल्ट के कारण बड़ी संख्या में छात्राएं कन्या उत्थान योजना में आवेदन नहीं कर पा रही हैं. इसलिए विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक एवं यूएमआईएस इंचार्ज को यह निर्देशित किया जाए कि वे छात्राओं के पेंडिंग रिजल्ट को युद्धस्तर पर क्लीयर करें। इन दोनों विभागों द्वारा छात्राओं के परीक्षा फार्म में उपलब्ध डाटा के आधार पर उनका मोबाइल नंबर अपडेट कराया जाए, ताकि छात्राओं को विश्वविद्यालय में आकर आवेदन जमा करने की जरूरत नहीं पड़े. कन्या उत्थान योजना में आवेदन की तिथि बढ़ाने हेतु शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के संबंधित अधिकारियों को विश्वविद्यालय द्वारा पत्र भेजा जाए. परिषद के नेताओं ने बताया कि कुलसचिव ने उनकी मांगों को गंभीरता से लिया. उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए वैसे शौचालय, जिनमें ताला लगा हुआ था को खुलवायाा. पेयजल की व्यवस्था कराई गई. सुरक्षा के लिए पुलिस को भी बुलाया गया। नोडल कार्यालय में कर्मचारी भी बढ़ाया गया. तिथि बढ़ाने हेतु पत्र तैयार करने हेतु एक कर्मचारी को आदेश दिया. परिषद ने इस पर संतोष व्यक्त किया है और अविलंब सभी छात्राओं की समस्याओं के समाधान हेतु ठोस सकारात्मक पहल की मांग की है. आगे यदि एक भी छात्रा वाजिब लाभ लेने से वंचित रही, तो परिषद छात्राओं के व्यापक हितों के संरक्षण हेतु आंदोलन को बाध्य होगा. मांगों की प्रतिलिपि राज्यपाल- सह-कुलाधिपति एवं कुलपति, को भी भेजी गई है.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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