बीएड के बाद लॉ में फाइन से बीएनएमयू की छवि और डगमगाई - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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11 अगस्त 2023

बीएड के बाद लॉ में फाइन से बीएनएमयू की छवि और डगमगाई

मधेपुरा: विगत दिनों पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद के एकल पीठ द्वारा लॉ के छात्र रवि प्रकाश की रिट पर सुनवाई करते हुए बीएनएमयू पर दो लाख पच्चीस हजार रुपए के जुर्माना करते हुए एक माह के अंदर पीड़ित को देने की बात चर्चा में आते ही बीएनएमयू की वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं लोग खुल कर कहने लगे कि कुछ महीनों पहले बीएड ऑन स्पॉट एडमिशन में धांधली में कोर्ट द्वारा पांच लाख रुपए के जुर्माना की बात ठंडी भी नहीं हुई की लॉ के मामले में दो लाख पच्चीस हजार के जुर्माना ने बीएनएमयू की छवि को और धूमिल कर दिया है. वाम छात्र संगठन एआईएसएफ नेता हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने इस संबंध में बीएनएमयू प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि शैक्षणिक माहौल बनाने के बजाए कभी एडमिशन तो कभी रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर बीएनएमयू को फजीहत झेलनी पड़ रही है जो शर्मशार करने वाला है. इस संबंध में छात्र नेता राठौर ने शनिवार को दीक्षांत विशेष पर होने वाली सिंडिकेट में इस मुद्दे को उठाने के लिए सदस्यों को त्राहिमाम पत्र लिखा है. 

सिंडिकेट सदस्यों के नाम लिखे पत्र में छात्र नेता राठौर ने कहा है बीएड में सत्र 2020- 22 के छात्र मो शाहबाज से पैसा लेने के बाद भी एडमिशन नहीं करने के मामले में कोर्ट ने पांच लाख का जुर्माना लगाया था उसके बाद लॉ के सत्र 2015-18 में रवि प्रकाश के रिजल्ट में गड़बड़ी से कोर्ट ने बीएनएमयू पर सवा दो लाख जुर्माना लगाया है जिससे आज बीएनएमयू की वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था सवालों के घेरे में है कि लगातार फजीहत क्यों झेलनी पर रही है. एक साल के अंदर दो एक बार एडमिशन और दूसरी बार रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर उच्च न्यायालय से फाइन की सजा पाने वाला पहला विश्वविद्यालय बन गया है बीएनएमयूू. दुखद यह है कि गलती पदाधिकारी करते हैं और उसका खामियाजा इस पिछड़े क्षेत्र के लोगों की गाढ़ी कमाई से बने बीएनएमयू कोष को खाली कर करना पड़ता हैै. राठौर ने आरोप लगाया है कि जिस पैसे का प्रयोग शैक्षणिक संस्थान को आगे बढ़ाने में करना था उसका बड़ा हिस्सा केस के नाम पर जा रहा हैै. 

राठौर ने यह भी शंका जाहिर किया है कि आपस में मिली भगत कर केस के बहाने भी पदाधिकारी पैसों का बंदर बांट करते होंगे. राठौर ने सिंडिकेट सदस्यों से मांग किया है कि हर हाल में सदन में इस बात की गारंटी हो कि दोषियों पर बीएनएमयू सख्त बने. सदन द्वारा भी बीएड गड़बड़ी को स्वीकार करने व दोषियों पर कारवाई के निर्णय के बाद भी बीएड प्रकरण में अभी तक छात्र मो शाहबाज को न्याय नहीं मिलने और दोषियों पर कारवाई नहीं होने को सदन और कोर्ट की अवहेलना बताते हुए राठौर से सिंडिकेट सदस्यों से आग्रह किया है कि सदन इस मामले में कारगर पहल करे. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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